Details
भारत में पंचायती राज लगभग उतना ही पुराना है जितना स्वयं भारत। लेकिन आज हमारे गाँव-गाँव में जो पंचायतें हैं, वे एक अलग और सर्वथा नयी कहानी हैं। ग्राम, ब्लॉक और जिला-इन तीन संस्तरों पर देश भर में फैली हुई इन पंचायतों की स्वतन्त्र संवैधानिक सत्ता है। इसे भारतीय राज्य का तीसरा पाया कहा जा सकता है, जिसकी जरूरत 1990 के आसपास इसलिए बहुत ही तीव्रता से महसूस की गयी कि जनता की बुनियादी आवश्यकताएँ पूरी करने के लिए सिर्फ केन्द्र और राज्य सरकारों पर परम्परागत निर्भरता की सीमाएँ उस समय तक उजागर हो चुकी थीं और सत्ता के विकेन्द्रीकरण के अलावा कोई और उपाय नहीं रह गया था।
Additional Information
No Additional Information Available
About the writer
ARUN SHAURIE

Books by ARUN SHAURIE
- BHARAT MEIN ISAI DHARMA-PRACHARTANTRA
- BHARAT MEIN ISAI DHARMA-PRACHARTANTRA
- JAANE-MAANE ITIHAASKAR KARYAVIDHI, DISHA AUR UNKE CHHAL
- JANEMANR ITIHASKAR : UNKI KARYVIDHI AUR DISHA
- FATWE ULEMA AUR UNKI DUNIYA
- BHARAT MEIN PANCHAYATI RAJ : PARIPREKSH AUR ANUBHAV
- JAANE-MAANE ITIHAASKAR KARYAVIDHI, DISHA AUR UNKE CHHAL
Customer Reviews
- No review available. Add your review. You can be the first.