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वैद्यनाथ मिश्र नाम का एक ही व्यक्ति दो नामों से भारतीय साहित्य की दो भाषाओं में विख्यात है। नागार्जुन के रूप में हिन्दी में कबीर, भारतेन्दु, प्रेमचन्द और निराला की अगली कड़ी होकर इस युग का जनकवि। यात्री के रूप में वही व्यक्ति मैथिली साहित्य का महाकवि, युगपुरुष। कई व्यक्तिवाचक संज्ञाओं को धारण करने वाले इस एक व्यक्ति में ऊपर से ऐसा कुछ भी नजर नहीं आता जो इसे असाधारण सिद्ध कर सके।
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SHOBHAKANT

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