GOPI CHAND NARANG

प्रो. गोपीचन्द नारंग उर्दू के अन्यतम साहित्यिक, समालोचक तथा बुद्धिजीवी हैं। आलोचना, शोध, भाषा-विज्ञान तीनों में निष्णात प्रो. नारंग पैंतालीस से भी ज्यादा पुस्तकों के लेखक एवं संपादक हैं। मौलिक एवं अंतर्दृष्टिपूर्ण लेखन के लिए भारत के राष्ट्रपति द्वारा आपको पद्मश्री से सम्मानित किया जा चुका है। पाकिस्तान के राष्ट्रपति ने भी ‘तमग़-ए-इम्तियाज़’ प्रदान कर आपकी बौद्धिक एवं साहित्य-सेवाओं को स्वीकार किया। आपको लखनऊ का ‘उर्दू-हिन्दी साहित्य कमेटी पुरस्कार’ (1984) और ‘ग़ालिब पुरस्कार’ (1985) भी प्राप्त हैं। इनके अलावा ‘अमीर खुसरों सम्मान’ (शिकागो, 1986) ‘कनाडा उर्दू पुरस्कार’ (टोरंटो, 1987) और उत्तरप्रदेश उर्दू अकादमी के ‘अखिल भारतीय मौलाना अबुल कलाम आजाद पुरस्कार’ से भी सम्मानित किया गया। आपकी उर्दू किताब साख्तियात पस साख़्तियात और मशरिकी शेरियात को साहित्य अकादेमी पुरस्कार (1985) प्रदान किया गया।