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लेखक : जनरल वी. के. सिंह और कुणाल वर्मा अनुवादक : मोज़ेज़ माइकेल
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ऑपरेशन संकट मोचन सुर्खियों में है। उसके नायक यानी विदेश राज्यमन्त्री जनरल वी. के. सिंह एक बार फिर चर्चा में हैं। दक्षिणी सूडान से भारतीय नागरिकों की मुक्ति के लिए उनकी अगुआई में किया गया यह अभियान काबिले तारीफ है। इससे पहले भी एक जनरल के रूप में जनरल वी. के. सिंह ने भारत के नागरिकों और भारतीय अस्मिता की रक्षा करते हुए एक आदर्श प्रस्तुत किया है। वास्तव में उनका पूरा जीवन ऐसे अभियानों और संकल्पों से भरा हुआ है। 'साहस और संकल्प' उनकी ज़िन्दगी की ऐसी ही दास्तानों और अभियानों की एक बेजोड़ किताब है जिसमें एक नायक के बनने की पूरी कहानी बड़ी शिद्दत से दर्ज की गई है। वाणी प्रकाशन से प्रकाशित 'साहस और संकल्प : एक आत्मकथा' में तीन भाग हैं: 'तैयारियों के साल', 'ऊँचाइयों की ओर' और 'शिखर पर'। कुल 12 अध्यायों की इस किताब में नींव के निर्माण से लेकर सेना प्रमुख बनने की पूरी कहानी का दिलचस्प बयान दर्ज है। कहना न होगा कि एक ही वर्ष के अन्तराल में इसके दो संस्करण प्रकाशित हो चुके हैं और पाठकों द्वारा हाथोंहाथ लिए गए हैं।
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General V. K. Singh & Kunal Verma

Books by General V. K. Singh & Kunal Verma
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