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Translated by Mehtab Haidar Naqvi
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इन्तिजशर हुसैन कहानी लिखते नहीं बल्कि वह कहानी सुनाते हैं। कहानी सुनाने का उनका अन्दाज़ भी निराला है। वह विश्व में घटित होने वाली बड़ी घटनाओं को जब अपनी कहानी का विषय बनाते हैं, तो कई देशों, सभ्यताओं की दास्तानों एवं कथाओं के समान प्रतीकों या किरदारों का समानान्तर रूप से इस तरह प्रयोग करते हैं कि पाठक अचम्भे में पड़ जाता है। इन्तिजशर हुसैन हमारे समय के सबसे बड़े कथाकार एवं बुद्धिजीवी हैं। वह केवल उर्दू में ही नहीं बल्कि हिन्दी साहित्य में भी अपने कथा-साहित्य के कारण समान रूप से आदरणीय हैं। उनका कथा-साहित्य अविभाजित भारत की सभ्यता एवं संस्कृति का प्रतीक है। उनकी कहानियों का ख़मीर मुख्य रूप से पंचतन्त्रा, महाभारत तथा अलिफष् लैला की कहानियों और लोक कथाओं तथा दास्तानों से उठाया गया है। इन्तिजशर हुसैन इन कहानियों के किरदारों को प्रतीक बनाकर समसामयिक घटनाओं एवं समस्याओं से इस तरह जोड़ देते हैं कि हमें एहसास हो जाता है कि सैकड़ों-हजशरों बरस पहले लिखी गयी कहानियों का हमारे जीवन में कितना महत्त्व है। प्रस्तुत है पाठकों के समक्ष लघु उपन्यास ‘दिन’ और कुछ दुर्लभ कहानियों का यह संकलन।
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INTEZAR HUSSAIN

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