Vivek Agrawal

विवेक अग्रवाल पिछले तीन दशकों से भी अधिक समय से अपराध, कषनून, सैन्य, आतंकवाद और आर्थिक अपराधों की खोजी पत्राकारिता कर रहे हैं। वह पत्राकारिता के हर आयाम के लिए काम कर रहे हैं। एकीकृत मध्यप्रदेश में सन् 1985 में बतौर स्वतन्त्रा पत्राकार स्थानीय व राष्ट्रीय अख़बारों में सक्रिय हुए थे।
मुख्यधारा के अख़बारों में विवेक ने 1992 में मुम्बई के ‘हमारा महानगर’ से काम शुरू किया। सन् 1993 में वे राष्ट्रीय अख़बार ‘जनसत्ता’ से बतौर अपराध संवाददाता जुड़े और मुम्बई माफिया पर दर्जनों खोजी रपटें प्रकाशित कीं। एक दशक बाद उन्होंने देश के पहले वैचारिक चैनल ‘जनमत’ से समाचार जगत के नये आयाम में कष्दम रखा, जो बाद में ‘लाइव इंडिया’ बना। महाराष्ट्र के सबसे शानदार चैनल ‘मी मराठी’ की ख़बरों के प्रमुख रहे। खोजी पत्राकार के रूप में उन्होंने एक जश्बरदस्त पारी देश के इंडिया टीवी में भी खेली। महाराष्ट्र व गोवा राज्य प्रभारी के रूप में वह ‘न्यूजश् एक्सप्रेस’ की आरम्भिक टीम का हिस्सा बने। इन चैनलों में भी विवेक ने ख़ूब खोजी ख़बरें कीं।
मुम्बई माफिया और अपराध जगत पर उनकी विशेषज्ञता का लाभ हॉलैंड के मशहूर चैनल ‘ईओ’ तथा ‘एपिक’ भी उठा चुके हैं। कुछ समय वह फिष्ल्म एवं टीवी धारावाहिक लेखन को भी समर्पित कर चुके हैं।
विवेक अग्रवाल अब लेखन और वृत्तचित्रों पर अधिक ध्यान दे रहे हैं। वह कुछ अख़बारों और चैनलों के साथ बतौर सलाहकार जुड़े हैं। वह अब अपनी सेवाएँ बतौर विशेषज्ञ, चैनल, अख़बार, पत्रिका आरम्भ करने और उन्हें स्थापित करने के लिए प्रदान कर रहे हैं।