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पतनशील पत्नियों के नोट्स
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जनाब यह सुन्दर दुनिया एक दूसरे से नफ़रत, कुढ़न और बदले की कामना से बदरंग हो इससे पहले ही क्यों न इसरे रंगों को सहेज लें। हम अपनी एक अलग पहचान का मिथ पैदा कर उसके लिए जान देने और जान लेने की चाहना को तजकर क्यों न एक-दूसरे को पहचानना, समइ ना, चाहना, सराहना सीखें। इस क़दर कि कोई खाई रहे ही न । एक-दूसरे में दुश्मन तलाशने की बजाय दोस्त को पहचाना जाए। ...आपको यह जानना ज़रूरी है कि इस नौटंकी में खण्डित होकर जीने की सज़ा कितनी खूख्वार और कितनी अमानवीय है। आपकी एक नकली सुन्दर दुनिया के वहम को तोड़ने के लिए एक ज़रूरी घुसपैठ करने की गुस्ताख़ी में ये नोट्स लिखे गये हैं। यक़ीन करिए कि जिस दिन औरतों के दिलोजिगर से दैवीय तमगों के बिना जीने का खौफ़ उठने लगेगा उस दिन वे महज इंसानी ज़िन्दगी जीने के आनन्द से प्यार करने लगेंगी। वे जान जाएँगी कि इंसान होने के लिए जो विकल्प उन आपने छोड़ा था वह था तो पतनशीलता का, पर ऊपर उठने के लिए यह तथाकथित गिरना ज़रूरी था। - 'नोट्स' की चन्द सतरें
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Neelima Chauhan

Books by Neelima Chauhan
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Sumit sheoran mandholi
- Must read
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One of the best book
You would feel lucky after read
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