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भगवा का राजनीतिक पक्ष : वाजपेयी से मोदी तक
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देश की वर्तमान राजनीतिक पृष्ठभूमि में आज भाजपा की एक सुदृढ़ पहचान है। गठबन्धन की राजनीति से लेकर एक सशक्त इकाई के रूप में, उसने एक लम्बी यात्रा तय की है एवं 1998 में सत्तासीन होने से वर्तमान तक के सफर में एक स्वतन्त्र, पृथक् दल के रूप में अपनी पहचान बनायी है। अनुभवी पत्रकार सबा नक़वी ने 1980 में दल की स्थापना से लेकर उसके दो बार सत्तारूढ़ होने तक की यात्रा-कथा को यहाँ दर्ज़ किया है। भगवा का राजनीतिक पक्ष : वाजपेयी से मोदी तक न केवल देश के राजनीतिक इतिहास में घटित जीवन्त, विशिष्ट घटनाओं का आँखों देखा बयान है बल्कि भाजपा के विकास के विश्लेषणात्मक पहलुओं की बारीकियों को भी सामने रखता है। आर.एस.एस. कैडर की भूमिका, निर्वाचित नेताओं के साथ उनके समीकरण, विचारधारा के साथ-साथ दल के सामाजिक विस्तार और राजनीतिक वित्त का मुद्दा, इन सब पहलुओं के अध्ययन के अलावा, पहले अटल बिहारी और तत्पश्चात् बड़े पुरज़ोर रूप में नरेन्द्र मोदी के साथ जो व्यक्तित्व केन्द्रित सिद्धान्त उभरा, उस पर भी लेखिका तफ़सील से तवज्जो देती हैं। एक वह दौर जब सहयोगी दल भाजपा के साथ सम्बन्ध जोड़ने से झिझकते थे और आज भाजपा की कथित अजेय स्थिति, यह किताब इन ब्योरों का बड़ा दिलचस्प लेखा-जोखा प्रस्तुत करती है।
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Saba Naqvi Translated by Treena Mukerjee

Books by Saba Naqvi Translated by Treena Mukerjee
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