Dainik Jagran | Hindi Sahitya Ka Itihas Adhayayan Ki Nayi Drishti
Date: 19-6-2020
“जब हम हिदी साहित्य के पुनर्मूल्यांकन की बात करते हैं तो उस सिलसिले में रामचंद्र शुक्ल, रामविलाम शर्मा, डॉ. नगेंद्र, नामवर सिंह, मुक्तिबोध इन सभी ने छायावाद को नई दृष्टि से देखने की कोशिश की है। मुक्तिबोध के बाद भी रमेश चंद्र सहाय, नंद किशोर नवल बहुत से नाम हैं, जिन्होंने पुनर्मूल्यांकन का काम किया। मूल्यांकन एक सतत प्रक्रिया है।” – प्रो. गोपेश्वर सिंह